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श्री संकटमोचन हनुमानाष्टक / shree sankatamochan hanumaanaashtak

  श्री संकटमोचन हनुमानाष्टक  ***** बाल समय रवि भक्षि लियो तब , तीनहुँ लोक भयो अँधियारो। ताहि सों त्रास भयो जग को , यह संकट काहु सों जात न टारो ।। देवन आनि करी विनती तब , छाँड़ि दियो रवि कष्ट निवारो। को नहिं जानत है जग में कपि , संकट मोचन नाम तिहारो ।।१।।   बालि की त्रास कपीस बसै गिरि , जात महाप्रभु पंथ निहारो। चौंकि महामुनि शाप दियो तब , चाहिये कौन विचार बिचारो ।। कै द्विज रूप लिवाय महाप्रभु , सो तुम दास के सोक निवारो ।। को नहिं जानत है जग में कपि , संकट मोचन नाम तिहारो ।।२।।   अंगद के संग लेन गये सिय , खोज कपीस यह बैन उचारो। जीवत ना बचिहौं हम सो जु , बिना सुधि लाए इहाँ पगुधारो ।। हेरि थके तट सिंधु सबै तब , लाय सिया - सुधि प्रान उबारो ।। को नहिं जानत है जग में कपि , संकट मोचन नाम तिहारो ।।३।।   रावन त्रास दई सिय को तब , राक्षसि सों कहि सोक निवारो। ताहि समय हनुमान महाप्रभु , जाय महा रजनीचर मारो।। चाहत सिय असोक सों आगिसु , दै प्रभ...

श्रीहनुमानचालीसा / Shri Hanuman Chalisa / Hanumanchalisa

श्रीहनुमानचालीसा   दोहा श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि ।  बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि ॥   बुद्धिहीन तनु जानिके , सुमिरौं पवन - कुमार ।   बल बुधि बिद्या देहु मोहिं , हरहु कलेस बिकार ॥   चौपाई जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥ राम दूत अतुलित बल धामा । अंजनि - पुत्र पवनसुत नामा ॥ महाबीर बिक्रम बजरंगी । कुमति निवार सुमति के संगी ॥ कंचन बरन बिराज सुबेसा । कानन कुंडल कुंचित केसा ॥ हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै । काँधे मूँज जनेऊ साजै ॥ संकर सुवन केसरीनंदन । तेज प्रताप महा जग बंदन ॥ बिद्यावान गुनी अति चातुर । राम काज करिबे को आतुर ॥   प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया । राम लषन सीता मन बसिया ॥   सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा । बिकट रूप धरि लंक जरावा ॥ भीम रूप धरि असुर सँहारे । रामचंद्र के काज सँवारे ॥ लाय सजीवन लखन जियाये । श्रीरघुबीर हरषि उर लाये ॥ रघुपति कीन्ही बह...